तल्मीह
उर्दू शायरी में तल्मीह (संकेत) का प्रयोग कम से कम शब्दों के द्वारा अर्थ को व्यापक बनाने के लिये किया जाता है. शायर अपने कलाम में किसी मशहूर क़िस्से, वाक़ये, या घट्ना की तरफ़ इशारा करता है, ये किस्से या वाक़ये आमतौर पर हदीसों, इतिहास, संस्कृति या अन्य स्रोतों से लिये जाते हैं. हमने आसानी के लिए महत्वपूर्ण तल्मीहात को एकत्र कर दिया है, ताकि पढ़ने वाला उनकी पृष्ठभूमि से परिचित हो सके और शेरों को सही तौर पर समझ सके.