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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

अलीगढ़ के शायर और अदीब

कुल: 190

प्रमुखतम प्रगतिशील शायरों में विख्यात/ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के समकालीन/अपनी गज़ल ‘मरने की दुआएँ क्यों माँगूँ.......’ के लिए प्रसिद्ध, जिसे कई गायकों ने स्वर दिए हैं

नई नस्ल के प्रमुख नवोदित शायर/साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित

नौजवान शायरा और अफ़सानानिगार

प्रसिद्ध प्रगतिशील आलोचक, रुमानवी शैली के कहानीकारों में शामिल

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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