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पाकिस्तान के शायर और अदीब

कुल: 1970

महान उर्दू शायर एवं पाकिस्तान के राष्ट्र-कवि जिन्होंने 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा' के अतिरिक्त 'लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी' जैसे गीत की रचना की

सबसे प्रख्यात एवं प्रसिद्ध शायर. अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण कई साल कारावास में रहे।

सम्पूर्ण सिंह/प्रमुख फि़ल्म निर्माता और निर्देशक, फि़ल्म गीतकार और कहानीकार/मिर्ज़ा ग़ालिब पर टीवी सीरियल के लिए प्रसिद्ध/साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त

लब्धप्रतिष्ठ कथाकार, अपनी विशिष्ट शैली और विभाजन के अनुभवों के मार्मिक वर्णन के लिए प्रसिद्ध। मेन बुकर पुरस्कार के लिए शार्ट लिस्ट किये जाने वाले पहले उर्दू-लेखक।

उर्दू के अनोखी शैली के गद्यकार और शायर. ‘आब-ए-हयात’ के रचनाकार. उर्दू में आधुनिक कविता के आन्दोलन के संस्थापकों में शामिल.

हर समूह में पढ़े जाने वाले लोकप्रिय पाकिस्तानी कथाकार और यात्रावृत लेखक, असाधारण भाषा शैली के लिए प्रसिद्ध।

नई ग़ज़ल के प्रमुखतम पाकिस्तानी शायरों में विख्यात

लोकप्रिय शायर, ज़िंदगी और मोहब्बत से संबंधित रुमानी शायरी के लिए विख्यात।

पाकिस्तान के अग्रणी शायरों में से एक, अपनी तहदार शायरी के लिए विख्यात।

बेइंतिहा लोकप्रिय शायर/अपनी रूमानी और विरोधी -कविता के लिए प्रसिद्ध

मशहूर आधुनिक शायर व अफ़्साना निगार, उर्दू में गद्य कविताओं के प्रथम शायरों में शामिल। प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका ‘तशकील’ के सम्पादक रहे।

पाकिस्तान के सबसे विख्यात और प्रतिष्ठित आधुनिक शायरों में से एक, अपनी नव-क्लासिकी लय के लिए प्रसिद्ध।

पाकिस्तान के शीर्ष प्रगतिशील शायर/कहानीकारों में भी महत्वपूर्ण स्थान/सआदत हसन मंटो के समकालीन

सबसे लोकप्रिय उर्दू शायरों में से एक। गहरी रूमानी शायरी के लिए प्रसिद्ध

पंजाबी की लोकप्रिय कवयित्री-लेखिका। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

प्रसिद्ध पाकिस्तानी शायर, कथाकार और आलोचक, ‘ज़वाल’ और ‘दीवार के पीछे’ दो महत्वपूर्ण उपन्यास लिखे, पाकिस्तानी साहित्य का एक संछिप्त इतिहास भी लिखा

उपमहाद्वीप में हास्य-व्यंग्य के प्रमुख शायर

अग्रणी पाकिस्तानी शायरों में से एक, एक अख़बार में रोज़ाना सामयिक विषयों पर 'क़िता' लिखते हैं।

पाकिस्तान के प्रख्यात कथाकार, लेखक, विचारक और शायर

नई ग़ज़ल के महत्वपूर्ण पाकिस्तानी शायर/अपनी ग़ज़ल ‘वो इश्क़ जो हम से छूट गया........’ के लिए प्रसिद्ध जिसे कई गायकों ने आवाज़ दी है

नई उर्दू शायरी के प्रतिष्ठित हस्ताक्षर, उनकी कई ग़ज़लें गायी गई हैं।

अग्रणी आधुनिक शायार और कहानिकार, भारत में आधुनिक उर्दू नज़्म के विकास में महत्वपूर्ण यागदान, पद्मश्री से सम्मानित।

पाकिस्तान के प्रमुखतम आधुनिक शायरों में शामिल

प्रख्यात और लोकप्रिय हास्य-व्यंग शायर

20वीं सदी के चौथे और पाँचवे दशकों के सबसे लोकप्रिय शायरों में से एक, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के समकालीन।

पाकिस्तानी शायरा। अपने स्त्री-वादी और संस्था-विरोधी विचारों के लिए प्रसिद्ध

लोकप्रिय और क्रांतिकारी पाकिस्तानी शायर , राजनैतिक दमन के विरोध के लिए प्रसिद्ध

लोकप्रिय रूमानी शायर , मलिका पुखराज ने उनकी नज़्म ' अभी तो मैं जवान हूँ ' , को गा कर प्रसिध्दि दी। पाकिस्तान का राष्ट्रगान लिखा।

पाकिस्तानी शायर , अपनी ग़ज़ल ' कल चौदहवीं की रात ' थी , के लिए प्रसिद्ध

पाकिस्तान में अग्रणी शायरों में शामिल, अपनी सांस्कृतिक रूमानियत के लिए मशहूर।

सबसे महत्वपूर्ण उत्तर-आधुनिक पाकिस्तानी शायरों में से एक, अपने विशीष्ट काव्य अनुभव के लिए विख्यात।

अपने दोहों के लिए मशहूर।

पाकिस्तान के अग्रणी आधुनिक शायरों में से एक, अपने अपारम्परिक अंदाज़ के लिए मशहूर।

सबसे गर्म मिज़ाज प्रगतिशील शायर जिन्हें शायर-ए-इंकि़लाब (क्रांति-कवि) कहा जाता है

अपनी ग़ज़ल 'गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए' के लिए विख्यात, जिसे कई गायकों ने गाया है।

आधुनिक उर्दू शायरी के संस्थापकों में विख्यात।

आधुनिक उर्दू नज़्म के संस्थापकों में शामिल। कहते हैं उन्होंने अपनी काल्पनिक प्रेमिका मीरा सेन के नाम पर अपना नाम ' मीरा ' जी कर लिया। कम उम्र में देहांत हुआ।

लोकप्रिय पाकिस्तानी शायरी, कम उम्र में देहांत।

पाकिस्तान के आग्रणी आधुनिक शायरों में विख्यात/फि़ल्मों के लिए गीत भी लिखे

लब्धप्रतिष्ठ पाकिस्तानी हास्य-व्यंगकार, ‘चराग़ तले’ और ‘आबे गुम’ जैसी अद्वितीय पुस्तकों के रचनाकार.

तेग़ इलाहाबादी के नाम से भी विख्यात, पाकिस्तान में सी एस पी अफ़सर थे, रहस्यमय हालात में क़त्ल किए गए।

आधुनिक उर्दू ग़ज़ल के संस्थापकों में से एक। भारत के शहर अंबाला में पैदा हुए और पाकिस्तान चले गए जहाँ बटवारे के दुख दर्द उनकी शायरी का केंद्रीय विषय बन गए।

लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् और साहित्यकार. शायरी,कथा साहित्य और अनुवाद के अलावा विद्वत्तापूर्ण कई अहम किताबों के रचनाकार. अपने समय की लोकप्रिय साहित्यिक पत्रिका ‘निगार’ के सम्पादक रहे

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