Ahmad Mushtaq's Photo'

पाकिस्तान के सबसे विख्यात और प्रतिष्ठित आधुनिक शायरों में से एक, अपनी नव-क्लासिकी लय के लिए प्रसिद्ध।

पाकिस्तान के सबसे विख्यात और प्रतिष्ठित आधुनिक शायरों में से एक, अपनी नव-क्लासिकी लय के लिए प्रसिद्ध।

अहमद मुश्ताक़

ग़ज़ल 80

अशआर 72

तू अगर पास नहीं है कहीं मौजूद तो है

तेरे होने से बड़े काम हमारे निकले

एक लम्हे में बिखर जाता है ताना-बाना

और फिर उम्र गुज़र जाती है यकजाई में

अहल-ए-हवस तो ख़ैर हवस में हुए ज़लील

वो भी हुए ख़राब, मोहब्बत जिन्हों ने की

तन्हाई में करनी तो है इक बात किसी से

लेकिन वो किसी वक़्त अकेला नहीं होता

पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है

ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है

लेख 1

 

पुस्तकें 7

 

चित्र शायरी 26

वीडियो 3

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Mil Hi Jayega Kaheen Dil Ko.. Ahmed Mushtaq ghazal by Bharathi Vishwanathan

भारती विश्वनाथन

चाँद इस घर के दरीचों के बराबर आया

असद अमानत अली

चाँद इस घर के दरीचों के बराबर आया

अहमद मुश्ताक़

मिल ही जाएगा कभी दिल को यक़ीं रहता है

अज्ञात

ऑडियो 38

अब मंज़िल-ए-सदा से सफ़र कर रहे हैं हम

अब वो गलियाँ वो मकाँ याद नहीं

अश्क दामन में भरे ख़्वाब कमर पर रक्खा

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aah ko chahiye ek umr asar hote tak SHAMSUR RAHMAN FARUQI

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