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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Akbar Haideri Kashmiri's Photo'

अकबर हैदरी कश्मीरी

1929 | श्रीनगर, भारत

अकबर हैदरी कश्मीरी

अशआर 10

आह अब ख़ुद्दारी-ए-अकबर कहाँ

हो गई वो भी ग़ुलाम-ए-आरज़ू

जब्र सहता हूँ मगर कब तक सहूँ इंसान हूँ

सब्र करता हूँ मगर दिल सब्र के क़ाबिल नहीं

दीदनी है अब शिकस्त-ए-ज़ब्त की बे-चारगी

मुस्कुराता हूँ मगर दिल दर्द से लबरेज़ है

हर नफ़स मिन्नत-कश-ए-आलाम है

ज़िंदगी शायद इसी का नाम है

हुस्न की तफ़्सीर भी कुछ कीजिए

इश्क़ बे-शक इक ख़याल-ए-ख़ाम है

ग़ज़ल 15

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