- पुस्तक सूची 161671
-
-
पुस्तकें विषयानुसार
-
बाल-साहित्य1511
पत्र505 औषधि332 आंदोलन246 नॉवेल / उपन्यास2851 राजनीतिक166 धर्म-शास्त्र1590 शोध एवं समीक्षा4438 -
पुस्तकें विषयानुसार
- बैत-बाज़ी8
- अनुक्रमणिका / सूची6
- अशआर59
- दीवान1237
- दोहा50
- महा-काव्य81
- व्याख्या138
- गीत46
- ग़ज़ल665
- हम्द27
- हास्य-व्यंग34
- संकलन1265
- कह-मुकरनी7
- कुल्लियात591
- माहिया12
- काव्य संग्रह3597
- मर्सिया288
- मसनवी584
- मुसद्दस27
- नात374
- नज़्म903
- अन्य26
- पहेली14
- क़सीदा131
- क़व्वाली8
- क़ित'अ44
- रुबाई215
- मुख़म्मस18
- रेख़्ती16
- शेष-रचनाएं24
- सलाम24
- सेहरा7
- शहर आशोब, हज्व, ज़टल नामा13
- तारीख-गोई18
- अनुवाद79
- वासोख़्त23
माहिर-उल क़ादरी
लेख 4
अशआर 10
अक़्ल कहती है दोबारा आज़माना जहल है
दिल ये कहता है फ़रेब-ए-दोस्त खाते जाइए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
इक बार तुझे अक़्ल ने चाहा था भुलाना
सौ बार जुनूँ ने तिरी तस्वीर दिखा दी
व्याख्या
इस शे’र में इश्क़ की घटना को अक़्ल और जुनूँ के पैमानों में तौलने का पहलू बहुत दिलचस्प है। इश्क़ के मामले में अक़्ल और उन्माद का द्वंद शाश्वत है। जहाँ अक़्ल इश्क़ को मानव जीवन के लिए हानि का एक कारण मानती है वहीं उन्माद इश्क़ को मानव जीवन का सार मानती है।और अगर इश्क़ में उन्माद पर अक़्ल हावी हो गया तो इश्क़ इश्क़ नहीं रहता क्योंकि इश्क़ की पहली शर्त जुनून है। और जुनून का ठिकाना दिल है। इसलिए अगर आशिक़ दिल के बजाय अक़्ल की सुने तो वो अपने उद्देश्य में कभी कामयाब नहीं होगा।
शायर कहना चाहता है कि मैं अपने महबूब के इश्क़ में इस क़दर मजनूं हो गया हूँ कि उसे भुलाने के लिए अक़्ल ने एक बार ठान ली थी मगर मेरे इश्क़ के जुनून ने मुझे सौ बार अपने महबूब की तस्वीर दिखा दी। “तस्वीर दिखा” भी ख़ूब है। क्योंकि उन्माद की स्थिति में इंसान एक ऐसी स्थिति से दो-चार होजाता है जब उसकी आँखों के सामने कुछ ऐसी चीज़ें दिखाई देती हैं जो यद्यपि वहाँ मौजूद नहीं होती हैं मगर इस तरह के जुनून में मुब्तला इंसान उन्हें हक़ीक़त समझता है। शे’र अपनी स्थिति की दृष्टि से बहुत दिलचस्प है।
शफ़क़ सुपुरी
ग़ज़ल 17
नज़्म 1
नअत 4
पुस्तकें 302
चित्र शायरी 2
वीडियो 8
ऑडियो 9
अगर फ़ितरत का हर अंदाज़ बेबाकाना हो जाए
अभी दश्त-ए-कर्बला में है बुलंद ये तराना
ऐ निगाह-ए-दोस्त ये क्या हो गया क्या कर दिया
join rekhta family!
Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi
GET YOUR FREE PASS
-
बाल-साहित्य1511
-