Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

अख़्तरुल ईमान: तुम ही हो- चुनिन्दा नज़्में

इस चयन में अख़्तरुल

ईमान की कुछ नज़्में शामिल हैं। ग़ज़ल शैली को आमतौर पर उर्दू में सराहा जाता है और लगभग हर शायर ग़ज़ल लिखने की कोशिश करता है, लेकिन अख़्तरुल ईमान ने ग़ज़ल के बजाय नज़्मों को चुना और नज़्म के एक सफ़ल शायर के रूप में लोकप्रिय हो गए, उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता "एक लड़का है" जो इस चयन का हिस्सा है हम इस चयन के माध्यम से उन्हें उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि पेश करते हैं ।

2.9K
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

एक लड़का

दयार-ए-शर्क़ की आबादियों के ऊँचे टीलों पर

अख़्तरुल ईमान

आख़िरी मुलाक़ात

आओ कि जश्न-ए-मर्ग-ए-मोहब्बत मनाएँ हम!

अख़्तरुल ईमान

बाज़-आमद --- एक मुन्ताज

तितलियाँ नाचती हैं

अख़्तरुल ईमान

अहद-ए-वफ़ा

यही शाख़ तुम जिस के नीचे किसी के लिए चश्म-ए-नम हो यहाँ अब से कुछ साल पहले

अख़्तरुल ईमान

आमादगी

एक इक ईंट गिरी पड़ी है

अख़्तरुल ईमान

आगही

मैं जब तिफ़्ल-ए-मकतब था, हर बात, हर फ़ल्सफ़ा जानता था

अख़्तरुल ईमान

अपाहिज गाड़ी का आदमी

कुछ ऐसे हैं जो ज़िंदगी को मह-ओ-साल से नापते हैं

अख़्तरुल ईमान

एक एहसास

ग़ुनूदगी सी रही तारी उम्र भर हम पर

अख़्तरुल ईमान

बे-चारगी

हज़ार बार हुआ यूँ कि जब उमीद गई

अख़्तरुल ईमान

बुलावा

नगर नगर के देस देस के पर्बत टीले और बयाबाँ

अख़्तरुल ईमान
बोलिए