इलाहाबाद के शायर और अदीब

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उर्दू में हास्य-व्यंग के सबसे बड़े शायर , इलाहाबाद में सेशन जज थे।

प्रमुख पूर्वाधुनिक शायरों में विख्यात, जिन्होंने आधुनिक उर्दू गज़ल के लिए राह बनाई/अपने गहरे आलोचनात्मक विचारों के लिए विख्यात/भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित

प्रख्यात पूर्व-आधुनिक शायर, अपने सूफ़ियाना लहजे के लिए प्रसिद्ध।

तेग़ इलाहाबादी के नाम से भी विख्यात, पाकिस्तान में सी एस पी अफ़सर थे, रहस्यमय हालात में क़त्ल किए गए।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज थे। लोक सभा के सदस्य भी रहे

अकबर इलाहाबादी के समकालीन , अपने शेर "आगाह अपनी मौत से कोई ......." के लिए प्रसिद्ध

उर्दू के सबसे बड़े जासूसी उपन्यासकार जो पहले ' असरार नारवी ' के नाम से शायरी करते थे।

शायर, कथाकार और श्रेष्ठ उर्दू समीक्षक

प्रगितिशील आंदोलन से जुड़े प्रमुख आलोचक

प्रसिद्ध शायर, अनुवादक और लेखक

भारतिय मूल की पाकिस्तानी शायरा / कनाडा में प्रवास

सबसे लोकप्रिय शायरों में से एक, कम उम्र में देहांत।

आलोचक, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित।

उत्तर-आधुनिक कथाकारों में शामिल.

उर्दू के पहले पंक्ति के कहानीकारों में शामिल. भारतीय संस्कृति से जुड़ी कहानियाँ लिखने के लिए मशहूर, प्राचीन हिंदी शायरी के उर्दू अनुवाद के लिए भी जाने जाते हैं.

प्रसिद्ध प्रगतिवादी कथाकार

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