हिन्दोस्तान से 20 नौ-जवान शोअरा
इस फे़हरिस्त में शामिल हैं हिन्दोस्तान के 20 नौ-जवान, बा-कमाल और अपने फ़न के माहिर शोअरा। इन तमाम शायरों के यहाँ अपना एक लहजा पाया जाता है। आइए पढ़िये और अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।
उर्दू ग़ज़ल की उम्मीद-अफ़्ज़ा आवाज़ों में शामिल, नौजवानों में बेहद मक़बूल, आसान ज़बान में उम्दा शेर कहने के लिए मशहूर
एक उभरती हुई आवाज़ जो युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए शायरी के नए आयाम स्थापित कर रही है
नई नस्ल के अहम शायरों में शामिल, शायरी में संजीदा मौज़ूआत, शुऊर-ए-ज़ात और नर्म एहसासात का बयान
निहायत सलाहियत-मन्द नौजवान शायरों में शामिल, अपने समकालीनों में नुमायाँ
समकालीन नौजवान शायरों में नुमायाँ , ग़ज़ल की शायरी में एक मुंफ़रिद आवाज़, अपनी ख़ूबसूरत आवाज़ और शेर पढ़ने के अलग अंदाज़ के लिए बेपनाह मक़बूल
समकालीन नौजवान शायरों में नुमायाँ, ख़ूबसूरत लफ़्ज़ों में नाज़ुक और अछूते एहसासात की शायरी के लिए मशहूर
नई नस्ल के नुमाइंदा शाइर, नौजवानों में मक़बूल, ग़ज़ल की शायरी की एक मुनफ़रिद आवाज़
मशहूर नौजवान शायर, अपनी शायरी में मोहब्बत, दर्द और ज़िंदगी, ख़ास तौर पर नौजवनों के जज़्बात को रिवायत और नएपन के ख़ूबसूरत संगम में ढालने के लिए मशहूर
मशहूर नौजवान शायरों में शुमार, रिवायती उर्दू शायरी की दिलकशी को जदीद ख़यालात और जज़्बात की माअनवियत के साथ हम-आहंग किया
नई नस्ल के नुमाइंदा शायरों में शामिल, आम फ़हम ज़बान में रिवायती और नाज़ुक एहसासात की शायरी, ख़ास तौर पर इश्क़िया मज़ामीन का बयान
नई नस्ल के शायरों में शामिल, शायरी में रिवायत और नएपन के साथ मोहब्बत, दुख और अंदरूनी कशमकश का एक सादा और ख़ूबसूरत ज़बान में इज़हार
रिवायत और जिद्दत को शेरी इज़हार में समो देने वाली मुन्फ़रिद निसाई आवाज़, ग़ज़ल में नाज़ुक एहसास, ताज़गी और नयापन
उर्दू ग़ज़ल की नई नस्ल में एक अहम नाम, शायरी में ज़बान की लताफ़त और एहसासात की गहराई का हसीन इम्तिज़ाज
मशहूर नौजवान शायर, शायरी में पुरानी रिवायात और नए ख़यालात का संगम, सादा लम्हों को ख़ास बना देने का ख़ूबसूरत हुनर
नई नस्ल के उभरते हुए शायर, आसान ज़बान में शेर कहने के लिए मशहूर, नज़्म भी वसीला-ए-इज़हार में शामिल
हिन्दुस्तान की नई आवाज़ों में एक नुमायाँ नाम, ग़ज़ल में ताज़गी और नयापन, नौजवानों में बेहद मक़बूल
नौजवान शाइरात में शामिल, निसाई जज़्बों से भरपूर सहल लफ़्ज़ों में दिलचस्प शायरी, ग़ज़ल में मज़ामीन-ए-इश्क़ का बयान
नई पीढ़ी के अहम शायरों में शुमार, शायरी में इन्सानी जज़्बात, रिश्तों की गहराई, और ज़िंदगी की पेचीदगियों का दिलकश संगम
उर्दू शायरी की नई आवाज़ों में शामिल, शायरी में एहसासात की गहराई और ज़िंदगी की ताज़गी का बयान