Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Akhtar Shahjahanpuri's Photo'

अख़्तर शाहजहाँपुरी

1940 | शाहजहाँपुर, भारत

क्लासिकी अंदाज़ की शायरी के लिए मशहूर

क्लासिकी अंदाज़ की शायरी के लिए मशहूर

अख़्तर शाहजहाँपुरी

ग़ज़ल 17

अशआर 20

दिलों में कर्ब बढ़ता जा रहा है

मगर चेहरे अभी शादाब से हैं

पुराने वक़्तों के कुछ लोग अब भी कहते हैं

बड़ा वही है जो दुश्मन को भी मुआ'फ़ करे

मैं झूट को सच्चाई के पैकर में सजाता

क्या कीजिए मुझ को ये हुनर ही नहीं आया

ये मुंसिफ़ान-ए-शहर हैं ये पासबान-ए-शहर

इन को बताओ नाम जो बलवाइयों के हैं

  • शेयर कीजिए

रंज-ओ-ग़म ठोकरें मायूसी घुटन बे-ज़ारी

मेरे ख़्वाबों की ये ता'बीर भी हो सकती है

"शाहजहाँपुर" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए