Ali Sardar Jafri's Photo'

अली सरदार जाफ़री

1913 - 2000 | मुंबई, भारत

अग्रणी प्रगतिशील शायरों में शामिल/आलोचक, बुद्धिजीवी और साहित्यिक पत्रिका ‘गुफ़्तुगू’ के संपादक/भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित/उर्दू शायरों पर टीवी सीरियलों के निर्माता

अग्रणी प्रगतिशील शायरों में शामिल/आलोचक, बुद्धिजीवी और साहित्यिक पत्रिका ‘गुफ़्तुगू’ के संपादक/भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित/उर्दू शायरों पर टीवी सीरियलों के निर्माता

अली सरदार जाफ़री

ग़ज़ल 46

नज़्म 40

अशआर 21

काम अब कोई आएगा बस इक दिल के सिवा

रास्ते बंद हैं सब कूचा-ए-क़ातिल के सिवा

इंक़लाब आएगा रफ़्तार से मायूस हो

बहुत आहिस्ता नहीं है जो बहुत तेज़ नहीं

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सौ मिलीं ज़िंदगी से सौग़ातें

हम को आवारगी ही रास आई

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पुराने साल की ठिठुरी हुई परछाइयाँ सिमटीं

नए दिन का नया सूरज उफ़ुक़ पर उठता आता है

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ये किस ने फ़ोन पे दी साल-ए-नौ की तहनियत मुझ को

तमन्ना रक़्स करती है तख़य्युल गुनगुनाता है

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क़ितआ 58

लेख 9

कहानी 3

 

पुस्तकें 143

चित्र शायरी 5

 

वीडियो 16

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वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
"Sarhad" nazm by Ali Sardar Jafri

अली सरदार जाफ़री

kabhi khandan kabhi giryan chaliye

अली सरदार जाफ़री

Sardar Jafri Jasn e Faiz

अली सरदार जाफ़री

Sardar Jafri recites -Shikast

अली सरदार जाफ़री

shikasht-e-shauq ko

अली सरदार जाफ़री

तीन शराबी

ज़िक्र नहीं ये फ़र्ज़ानों का अली सरदार जाफ़री

निवाला

माँ है रेशम के कार-ख़ाने में अली सरदार जाफ़री

निवाला

माँ है रेशम के कार-ख़ाने में अली सरदार जाफ़री

मेरा सफ़र

हम-चू सब्ज़ा बार-हा रोईदा-एम अली सरदार जाफ़री

शिकस्त-ए-शौक़ को तकमील-ए-आरज़ू कहिए

अली सरदार जाफ़री

हर्फ़-ए-आख़िर

ये आदमी की गुज़रगाह-ए-शाहराह-ए-हयात अली सरदार जाफ़री

ऑडियो 13

अक़ीदे बुझ रहे हैं शम-ए-जाँ ग़ुल होती जाती है

काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा

शिकस्त-ए-शौक़ को तकमील-ए-आरज़ू कहिए

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