aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

अनंनद राम मुख़लिस

1699 - 1751

अनंनद राम मुख़लिस

अशआर 2

फूल पर गुलशन के गोया दाना-ए-शबनम नहीं

आशिक़ों के हाल पर आँखें फिराती है बहार

  • शेयर कीजिए

धूम आने की ये किस की गुलज़ार में पड़ी है

हाथ अरगजी का पियाला नर्गिस लिए खड़ी है

  • शेयर कीजिए
 

पुस्तकें 1

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए