अन्जुमन मंसूरी आरज़ू
ग़ज़ल 8
अशआर 1
हर फ़िक्र सिर्फ़ जागने वाले का है नसीब
जो सो रहा है बस वही बंदा मज़े में है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere