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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Aqib Sabir's Photo'

आक़िब साबिर

1994 | दिल्ली, भारत

समकालीन नौजवान शायरों में नुमायाँ , ग़ज़ल की शायरी में एक मुंफ़रिद आवाज़, अपनी ख़ूबसूरत आवाज़ और शेर पढ़ने के अलग अंदाज़ के लिए बेपनाह मक़बूल

समकालीन नौजवान शायरों में नुमायाँ , ग़ज़ल की शायरी में एक मुंफ़रिद आवाज़, अपनी ख़ूबसूरत आवाज़ और शेर पढ़ने के अलग अंदाज़ के लिए बेपनाह मक़बूल

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