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आधुनिक ग़ज़ल के लोकप्रिय शायर, अंग्रेज़ी के प्रोफ़ेसर रहे

आधुनिक ग़ज़ल के लोकप्रिय शायर, अंग्रेज़ी के प्रोफ़ेसर रहे

आज़ाद गुलाटी

ग़ज़ल 30

नज़्म 1

 

अशआर 25

एक वो हैं कि जिन्हें अपनी ख़ुशी ले डूबी

एक हम हैं कि जिन्हें ग़म ने उभरने दिया

वो वक़्त आएगा जब ख़ुद तुम्ही ये सोचोगी

मिला होता अगर तुझ से मैं तो बेहतर था

रौशनी फैली तो सब का रंग काला हो गया

कुछ दिए ऐसे जले हर-सू अंधेरा हो गया

आप जिस रह-गुज़र-ए-दिल से कभी गुज़रे थे

उस पे ता-उम्र किसी को भी गुज़रने दिया

कुछ ऐसे फूल भी गुज़रे हैं मेरी नज़रों से

जो खिल के भी समझ पाए ज़िंदगी क्या है

पुस्तकें 9

 

"पंजाब" के और शायर

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