noImage

बशीरुद्दीन अहमद देहलवी

1861 - 1927

प्रतिष्ठित साहित्यिकार, शायर, दकन और दिल्ली के इतिहास पर अपनी यादगार किताबों के लिए प्रसिद्ध

प्रतिष्ठित साहित्यिकार, शायर, दकन और दिल्ली के इतिहास पर अपनी यादगार किताबों के लिए प्रसिद्ध

बशीरुद्दीन अहमद देहलवी

ग़ज़ल 8

अशआर 12

चराग़ उस ने बुझा भी दिया जला भी दिया

ये मेरी क़ब्र पे मंज़र नया दिखा भी दिया

बंधन सा इक बँधा था रग-ओ-पय से जिस्म में

मरने के ब'अद हाथ से मोती बिखर गए

  • शेयर कीजिए

कभी दर पर कभी है रस्ते में

नहीं थकती है इंतिज़ार से आँख

अहद के साथ ये भी हो इरशाद

किस तरह और कब मिलेंगे आप

ये उन का खेल तो देखो कि एक काग़ज़ पर

लिखा भी नाम मिरा और फिर मिटा भी दिया

पुस्तकें 72

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए