Bharat Bhushan Pant's Photo'

भारत भूषण पन्त

1958 - 2019 | लखनऊ, भारत

भारत में समकालीन ग़ज़ल के प्रमुख शायर

भारत में समकालीन ग़ज़ल के प्रमुख शायर

भारत भूषण पन्त

ग़ज़ल 39

अशआर 38

घर से निकल कर जाता हूँ मैं रोज़ कहाँ

इक दिन अपना पीछा कर के देखा जाए

एक जैसे लग रहे हैं अब सभी चेहरे मुझे

होश की ये इंतिहा है या बहुत नश्शे में हूँ

  • शेयर कीजिए

हर तरफ़ थी ख़ामोशी और ऐसी ख़ामोशी

रात अपने साए से हम भी डर के रोए थे

ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना-पन हो

लेकिन इक आहट जानी-पहचानी होती है

  • शेयर कीजिए

बस ज़रा इक आइने के टूटने की देर थी

और मैं बाहर से अंदर की तरह लगने लगा

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 19

चित्र शायरी 3

 

"लखनऊ" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए