एजाज़ुलहक़ शहाब
ग़ज़ल 10
नज़्म 3
अशआर 1
ये लब-ओ-रुख़्सार ये चेहरा तेरा पुर-नूर सा
तुझ को क्या देखा लगा जैसे कोई देखी ग़ज़ल
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere