Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Meem Maroof Ashraf's Photo'

मीम मारूफ़ अशरफ़

1999 | रामपुर, भारत

मीम मारूफ़ अशरफ़

ग़ज़ल 6

नज़्म 1

 

अशआर 39

अभी आग़ाज़-ए-उल्फ़त है चलो इक काम करते हैं

बिछड़ कर देख लेते हैं बिछड़ कर कैसा लगता है

  • शेयर कीजिए

बिंत-ए-हव्वा को भूल जाएँ हम

ये नहीं आता इब्न-ए-आदम को

  • शेयर कीजिए

आज तस्वीर उस की देखी है

आज फिर नींद का ज़ियाँ होगा

  • शेयर कीजिए

किसी के याद करने का अगर होती सबब हिचकी

मिरा महबूब हो कर के परेशाँ मर गया होता

  • शेयर कीजिए

जब भी चूमा है तिरे होंटों को

जिस्म से उन को जुदा जाना है

  • शेयर कीजिए

"रामपुर" के और शायर

Recitation

बोलिए