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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Mohammad Izhar ul Haq's Photo'

मोहम्मद इज़हारुल हक़

1948 | पाकिस्तान

मोहम्मद इज़हारुल हक़

ग़ज़ल 24

नज़्म 6

अशआर 4

घिरा हुआ हूँ जनम-दिन से इस तआक़ुब में

ज़मीन आगे है और आसमाँ मिरे पीछे

अँधेरी शाम थी बादल बरस पाए थे

वो मेरे पास था और मैं खुल के रोया था

तिरा पाँव शाम पे गया था कि चाँद था

तिरा हिज्र सुब्ह को जल उठा था कि फूल था

कोई ज़ारी सुनी नहीं जाती कोई जुर्म मुआफ़ नहीं होता

इस धरती पर इस छत के तले कोई तेरे ख़िलाफ़ नहीं होता

पुस्तकें 4

 

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