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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Rahi Masoom Raza's Photo'

राही मासूम रज़ा

1927 - 1992 | अलीगढ़, भारत

अग्रणी हिंदी उपन्यासकार और फ़िल्म संवाद-लेखक , टी. वी. सीरियल ' महाभारत ' के संवादों के लिए प्रसिद्ध

अग्रणी हिंदी उपन्यासकार और फ़िल्म संवाद-लेखक , टी. वी. सीरियल ' महाभारत ' के संवादों के लिए प्रसिद्ध

राही मासूम रज़ा के शेर

इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई

हम सोए रात थक कर सो गई

हाँ उन्हीं लोगों से दुनिया में शिकायत है हमें

हाँ वही लोग जो अक्सर हमें याद आए हैं

ये चराग़ जैसे लम्हे कहीं राएगाँ जाएँ

कोई ख़्वाब देख डालो कोई इंक़िलाब लाओ

दिल की खेती सूख रही है कैसी ये बरसात हुई

ख़्वाबों के बादल आते हैं लेकिन आग बरसती है

ज़िंदगी ढूँढ ले तू भी किसी दीवाने को

उस के गेसू तो मिरे प्यार ने सुलझाए हैं

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