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राजेन्द्र कृष्ण

1919 - 1988 | मुंबई, भारत

फ़िल्म गीतकार

फ़िल्म गीतकार

राजेन्द्र कृष्ण

ग़ज़ल 15

अशआर 9

झटको ज़ुल्फ़ से पानी ये मोती टूट जाएँगे

तुम्हारा कुछ बिगड़ेगा मगर दिल टूट जाएँगे

चारागर की ज़रूरत कुछ दवा की है

दुआ को हाथ उठाओ कि ग़म की रात कटे

इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा हुआ

ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा हुआ

लोग रो रो के भी इस दुनिया में जी लेते हैं

एक हम हैं कि हँसे भी तो गुज़ारा हुआ

इक मोहब्बत के सिवा और कुछ माँगा था

क्या करें ये भी ज़माने को गवारा हुआ

फ़िल्मी गीत 3

 

चित्र शायरी 1

 

वीडियो 16

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इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ

मोहम्मद रफ़ी

कहीं से मौत को लाओ कि ग़म की रात कटे

मोहम्मद रफ़ी

किस तरह जीते हैं ये लोग बता दो यारो

मोहम्मद रफ़ी

किसे मालूम था इक दिन मोहब्बत बे-ज़बाँ होगी

लता मंगेशकर

जब जब तुम्हें भुलाया तुम और याद आए

लता मंगेशकर

न झटको ज़ुल्फ़ से पानी ये मोती टूट जाएँगे

मोहम्मद रफ़ी

मैं तिरी नज़र का सुरूर हूँ तुझे याद हो कि न याद हो

तलअत महमूद

मुझ से मत पूछ मिरे इश्क़ में क्या रक्खा है

लता मंगेशकर

ये हवा ये रात ये चाँदनी तिरी एक अदा पे निसार है

तलअत महमूद

हाल-ए-दिल यूँ उन्हें सुनाया गया

लता मंगेशकर

उन को ये शिकायत है कि हम कुछ नहीं कहते

लता मंगेशकर

उन को ये शिकायत है कि हम कुछ नहीं कहते

लता मंगेशकर

मिरी दास्ताँ मुझे ही मिरा दिल सुना के रोए

लता मंगेशकर

मोहम्मद रफ़ी

मोहम्मद रफ़ी

यूँ हसरतों के दाग़ मोहब्बत में धो लिए

लता मंगेशकर

यूँ हसरतों के दाग़ मोहब्बत में धो लिए

राधिका चोपड़ा

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