Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Rajinder Manchanda Bani's Photo'

राजेन्द्र मनचंदा बानी

1932 - 1981 | दिल्ली, भारत

आधुनिक उर्दू ग़ज़ल की सबसे शक्तिशाली आवाज़ों में शामिल।

आधुनिक उर्दू ग़ज़ल की सबसे शक्तिशाली आवाज़ों में शामिल।

राजेन्द्र मनचंदा बानी

ग़ज़ल 76

नज़्म 13

अशआर 44

उड़ चला वो इक जुदा ख़ाका लिए सर में अकेला

सुब्ह का पहला परिंदा आसमाँ भर में अकेला

किसी के लौटने की जब सदा सुनी तो खुला

कि मेरे साथ कोई और भी सफ़र में था

फैलती जाएगी चारों सम्त इक ख़ुश-रौनक़ी

एक मौसम मेरे अंदर से निकलता जाएगा

याद तिरी जैसे कि सर-ए-शाम

धुँद उतर जाए पानी में

वो लोग जो कभी बाहर घर से झाँकते थे

ये शब उन्हें भी सर-ए-रहगुज़ार ले आई

पुस्तकें 9

 

वीडियो 3

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

राजेन्द्र मनचंदा बानी

अजीब रोना सिसकना नवाह-ए-जाँ में है

राजेन्द्र मनचंदा बानी

न हरीफ़ाना मिरे सामने आ मैं क्या हूँ

राजेन्द्र मनचंदा बानी

ऑडियो 18

इक गुल-ए-तर भी शरर से निकला

ख़ाक ओ ख़ूँ की वुसअतों से बा-ख़बर करती हुई

घनी-घनेरी रात में डरने वाला मैं

Recitation

संबंधित ब्लॉग

 

"दिल्ली" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए