साबिर अमानी
ग़ज़ल 11
अशआर 1
कभी तो बैठ के यारों के साथ चाय पी
कभी तो बैठ के फ़ुर्सत से दिन गुज़ारा कर
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere