सय्यद फ़ज़लुल मतीन
ग़ज़ल 15
नज़्म 2
अशआर 1
चाय के एक कप का यही है मुआवज़ा
यारों को अहद-ए-रफ़्ता के क़िस्से सुनाइए
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere