वज़ीर अली सबा लखनवी
ग़ज़ल 28
अशआर 56
दिल में इक दर्द उठा आँखों में आँसू भर आए
बैठे बैठे हमें क्या जानिए क्या याद आया
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere