हालात पर ग़ज़लें

हालात दुनिया के हों

या दिल के, हमेशा एक जैसे नहीं रहते। बदलाव की लहर कहीं ख़ुशगवार होती है कहीं दुख और कड़वाहट लिए आती है। शायर हस्सास यानि संवेदनशील होने के सबब दोनों तरह के हालात से प्रभावित होता है। हालात के तमाम पहलुओं पर शायरी की गई है और कई बहुत यादगार शे’र हालात शायरी के तहत आते हैं जिनसे आपका तआरूफ़ इस मुख़्तसर से इन्तिख़ाब में हो सकता हैः

अच्छे दिन कब आएँगे

मोहम्मद अल्वी

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

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