
हिन्दुस्तान में सैकड़ों की तादाद में अख़्बारात-ओ-रसाइल छपते हैं मगर हक़ीक़त ये है कि सहाफ़त इस सरज़मीन में अभी तक पैदा ही नहीं हुई है।
-
टैग्ज़ : पत्रकारिताऔर 1 अन्य
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
हिन्दुस्तान में सैकड़ों की तादाद में अख़्बारात-ओ-रसाइल छपते हैं मगर हक़ीक़त ये है कि सहाफ़त इस सरज़मीन में अभी तक पैदा ही नहीं हुई है।
Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi
GET YOUR FREE PASS