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Altaf Hussain Hali's Photo'

अल्ताफ़ हुसैन हाली

1837 - 1914 | दिल्ली, भारत

उर्दू आलोचना के संस्थापकों में शामिल/महत्वपूर्ण पूर्वाधुनिक शायर/मिजऱ्ा ग़ालिब की जीवनी ‘यादगार-ए-ग़ालिब लिखने के लिए प्रसिद्ध

उर्दू आलोचना के संस्थापकों में शामिल/महत्वपूर्ण पूर्वाधुनिक शायर/मिजऱ्ा ग़ालिब की जीवनी ‘यादगार-ए-ग़ालिब लिखने के लिए प्रसिद्ध

अल्ताफ़ हुसैन हाली

ग़ज़ल 28

नज़्म 12

अशआर 48

कुछ हँसी खेल सँभलना ग़म-ए-हिज्राँ में नहीं

चाक-ए-दिल में है मिरे जो कि गरेबाँ में नहीं

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गुल-ओ-गुलचीं का गिला बुलबुल-ए-ख़ुश-लहजा कर

तू गिरफ़्तार हुई अपनी सदा के बाइ'स

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तज़्किरा देहली-ए-मरहूम का दोस्त छेड़

सुना जाएगा हम से ये फ़साना हरगिज़

बहुत जी ख़ुश हुआ 'हाली' से मिल कर

अभी कुछ लोग बाक़ी हैं जहाँ में

माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत

है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे ने'मत

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हास्य शायरी 1

 

रुबाई 18

क़िस्सा 4

 

लेख 10

पुस्तकें 286

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आगे बढ़े न क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-बुताँ से हम

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