असद बिजनौरी अलीग
ग़ज़ल 12
नज़्म 1
अशआर 11
उस का हम से बात करना याद करना प्यार करना
इक ग़लत-फ़हमी थी जो अब दूर होती जा रही है
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हम पे ये राज़ खुला भी तो बहुत देर के बा'द
अस्ल किरदार कहानी में किसी और का है
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पड़े हैं फीके ये चाँद तारे भी इस के आगे
कहाँ से लाई हो तुम ये हुस्न-ओ-जमाल लड़की
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बुलंदियों पर ज़रा तकब्बुर से दूर रहना
वगरना ये ही बनेगा वज्ह-ए-ज़वाल लड़की
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