इशरत मोईन सीमा की बच्चों की कहानियाँ
च्यूँटी की कहानी
सारा के घर के क़रीब एक छोटा सा बाग़ था जहाँ कुछ हरे-भरे पेड़ पौदे और घास मौजूद थी। लेकिन जब सख़्त गर्मी पड़ती तो वहाँ घास और पेड़ पौदों की हरियाली माँद पड़ती जाती। परिंदे और दूसरे जानवर भी अपने-अपने बिलों, घोंसलों और घरों में दुबके बैठे रहते। लेकिन इस सख़्त
रौशनी की बरसात
एक दफ़ा का ज़िक्र है कि एक छोटी सी लड़की अपने वालदैन के साथ एक छोटी सी झोंपड़ी-नुमा घर में रहती थी। उस लड़की का नाम सितारा था। उस लड़की के वालदैन बहुत ग़रीब थे। उनके पास सिवाए उस टूटी-फूटी झोंपड़ी और उसमें रखे चंद बर्तन और दो रज़ाई-ओ-गद्दे के कुछ भी न था।
कूकी कॉक्रोच
उसका नाम कूकी कॉकरोच था। वो लाल बैगों की फ़ैमिली में सबसे छोटा कॉकरोच था। उस गंदे घर में सारे लाल बैग दिन-भर घर-ओ-सहन के गंदे हिस्सों और ग़ुस्ल-ख़ाने और बावर्ची-ख़ाने की नालियों में छिप कर रहते थे। जब घर के लोग इन जगहों की सफ़ाई नहीं करते, कचरा फैलाते