Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Rasheed lakhnavi's Photo'

रशीद लखनवी

1847 - 1918 | लखनऊ, भारत

मर्सिया, ग़ज़ल और रुबाई के प्रतिष्ठित शायर । मीर अनीस के नवासे

मर्सिया, ग़ज़ल और रुबाई के प्रतिष्ठित शायर । मीर अनीस के नवासे

रशीद लखनवी

ग़ज़ल 39

अशआर 25

ज़िंदगी कहते हैं किस को मौत किस का नाम है

मेहरबानी आप की न-मेहरबानी आप की

हँस हँस के कह रहा है जलाना सवाब है

ज़ालिम ये मेरा दिल है चराग़-ए-हरम नहीं

  • शेयर कीजिए

तुम ने एहसान किया है कि नमक छिड़का है

अब मुझे ज़ख़्म-ए-जिगर और मज़ा देते हैं

हमारी ज़िंदगी-ओ-मौत की हो तुम रौनक़

चराग़-ए-बज़्म भी हो और चराग़-ए-फ़न भी हो

  • शेयर कीजिए

दोनों आँखें दिल जिगर हैं इश्क़ होने में शरीक

ये तो सब अच्छे रहेंगे मुझ पर इल्ज़ाम आएगा

  • शेयर कीजिए

रुबाई 12

पुस्तकें 4

 

संबंधित शायर

"लखनऊ" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here

बोलिए