मौसम ने खेत-खेत उगाई है फ़स्ल-ए-ज़र्द
सरसों के खेत हैं के जो पीले नहीं रहे
कुछ मधुर तानें फ़ज़ा में थरथरा कर रह गईं
धान के खेतों में चंचल पंछियों का शोर था
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
मौसम ने खेत-खेत उगाई है फ़स्ल-ए-ज़र्द
सरसों के खेत हैं के जो पीले नहीं रहे
कुछ मधुर तानें फ़ज़ा में थरथरा कर रह गईं
धान के खेतों में चंचल पंछियों का शोर था
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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