संपूर्ण
परिचय
ग़ज़ल28
नज़्म12
शेर48
हास्य शायरी1
ई-पुस्तक294
चित्र शायरी 4
ऑडियो 8
वीडियो13
रुबाई18
क़िस्सा4
लेख10
अन्य
नअत1
मसनवी1
अल्ताफ़ हुसैन हाली के शेर
माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत
है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे ने'मत
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
फ़रिश्ते से बढ़ कर है इंसान बनना
मगर इस में लगती है मेहनत ज़ियादा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हम जिस पे मर रहे हैं वो है बात ही कुछ और
आलम में तुझ से लाख सही तू मगर कहाँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सदा एक ही रुख़ नहीं नाव चलती
चलो तुम उधर को हवा हो जिधर की
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
होती नहीं क़ुबूल दुआ तर्क-ए-इश्क़ की
दिल चाहता न हो तो ज़बाँ में असर कहाँ
-
टैग : दुआ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जानवर आदमी फ़रिश्ता ख़ुदा
आदमी की हैं सैकड़ों क़िस्में
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बहुत जी ख़ुश हुआ 'हाली' से मिल कर
अभी कुछ लोग बाक़ी हैं जहाँ में
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
है जुस्तुजू कि ख़ूब से है ख़ूब-तर कहाँ
अब ठहरती है देखिए जा कर नज़र कहाँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
फ़राग़त से दुनिया में हर दम न बैठो
अगर चाहते हो फ़राग़त ज़ियादा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
इश्क़ सुनते थे जिसे हम वो यही है शायद
ख़ुद-बख़ुद दिल में है इक शख़्स समाया जाता
हम ने अव्वल से पढ़ी है ये किताब आख़िर तक
हम से पूछे कोई होती है मोहब्बत कैसी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
यही है इबादत यही दीन ओ ईमाँ
कि काम आए दुनिया में इंसाँ के इंसाँ
-
टैग : एकता
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
एक रौशन दिमाग़ था न रहा
शहर में इक चराग़ था न रहा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
वो उम्मीद क्या जिस की हो इंतिहा
वो व'अदा नहीं जो वफ़ा हो गया
दिल से ख़याल-ए-दोस्त भुलाया न जाएगा
सीने में दाग़ है कि मिटाया न जाएगा
तुम को हज़ार शर्म सही मुझ को लाख ज़ब्त
उल्फ़त वो राज़ है कि छुपाया न जाएगा
राज़ी हैं हम कि दोस्त से हो दुश्मनी मगर
दुश्मन को हम से दोस्त बनाया न जाएगा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
शहद-ओ-शकर से शीरीं उर्दू ज़बाँ हमारी
होती है जिस के बोले मीठी ज़बाँ हमारी
-
टैग : उर्दू
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आ रही है चाह-ए-यूसुफ़ से सदा
दोस्त याँ थोड़े हैं और भाई बहुत
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
'हाली' सुख़न में 'शेफ़्ता' से मुस्तफ़ीद है
'ग़ालिब' का मो'तक़िद है मुक़ल्लिद है 'मीर' का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कहते हैं जिस को जन्नत वो इक झलक है तेरी
सब वाइज़ों की बाक़ी रंगीं-बयानियाँ हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
चोर है दिल में कुछ न कुछ यारो
नींद फिर रात भर न आई आज
-
टैग : नींद
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दरिया को अपनी मौज की तुग़्यानियों से काम
कश्ती किसी की पार हो या दरमियाँ रहे
-
टैग : दरिया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क्यूँ बढ़ाते हो इख़्तिलात बहुत
हम को ताक़त नहीं जुदाई की
-
टैग : जुदाई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तज़्किरा देहली-ए-मरहूम का ऐ दोस्त न छेड़
न सुना जाएगा हम से ये फ़साना हरगिज़
-
टैग : दिल्ली
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उस के जाते ही ये क्या हो गई घर की सूरत
न वो दीवार की सूरत है न दर की सूरत
-
टैग : जुदाई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उस ने अच्छा ही किया हाल न पूछा दिल का
भड़क उठता तो ये शो'ला न दबाया जाता
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मुँह कहाँ तक छुपाओगे हम से
तुम में आदत है ख़ुद-नुमाई की
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
राह के तालिब हैं पर बे-राह पड़ते हैं क़दम
देखिए क्या ढूँढते हैं और क्या पाते हैं हम
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क़ैस हो कोहकन हो या 'हाली'
आशिक़ी कुछ किसी की ज़ात नहीं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हम ने हर अदना को आ'ला कर दिया
ख़ाकसारी अपनी काम आई बहुत
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हम रोज़-ए-विदाअ' उन से हँस हँस के हुए रुख़्सत
रोना था बहुत हम को रोते भी तो क्या होता
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
नज़र आती नहीं अब दिल में तमन्ना कोई
बाद मुद्दत के तमन्ना मिरी बर आई है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
इक दर्द हो बस आठ पहर दिल में कि जिस को
तख़फ़ीफ़ दवा से हो न तस्कीन दुआ से
-
टैग : दर्द
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बे-क़रारी थी सब उम्मीद-ए-मुलाक़ात के साथ
अब वो अगली सी दराज़ी शब-ए-हिज्राँ में नहीं
-
टैग : बेक़रारी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आगे बढ़े न क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-बुताँ से हम
सब कुछ कहा मगर न खुले राज़-दाँ से हम
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मुझे कल के वादे पे करते हैं रुख़्सत
कोई वादा पूरा हुआ चाहता है
-
टैग : वादा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दिखाना पड़ेगा मुझे ज़ख़्म-ए-दिल
अगर तीर उस का ख़ता हो गया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क़लक़ और दिल में सिवा हो गया
दिलासा तुम्हारा बला हो गया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
धूम थी अपनी पारसाई की
की भी और किस से आश्नाई की
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
यारान-ए-तेज़-गाम ने महमिल को जा लिया
हम महव-ए-नाला-ए-जरस-ए-कारवां रहे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सख़्त मुश्किल है शेवा-ए-तस्लीम
हम भी आख़िर को जी चुराने लगे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
रोना है ये कि आप भी हँसते थे वर्ना याँ
तअ'न-ए-रक़ीब दिल पे कुछ ऐसा गिराँ न था
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ताज़ीर-ए-जुर्म-ए-इश्क़ है बे-सर्फ़ा मोहतसिब
बढ़ता है और ज़ौक़-ए-गुनह याँ सज़ा के ब'अद
-
टैग : गुनाह
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
गुल-ओ-गुलचीं का गिला बुलबुल-ए-ख़ुश-लहजा न कर
तू गिरफ़्तार हुई अपनी सदा के बाइ'स
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कुछ हँसी खेल सँभलना ग़म-ए-हिज्राँ में नहीं
चाक-ए-दिल में है मिरे जो कि गरेबाँ में नहीं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हर सम्त गर्द-ए-नाक़ा-ए-लैला बुलंद है
पहुँचे जो हौसला हो किसी शहसवार का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
यारान-ए-तेज़-गाम ने मंज़िल को जा लिया
हम महव-नाला-ए-जरस-ए-कारवाँ रहे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड