बाल कविता पर

कोट पेंट की शान बढ़ाए

आदिल असीर देहलवी

जब जंगल में भागे है वो

आदिल असीर देहलवी

बारिश में वो नाच दिखाए

आदिल असीर देहलवी

मौसीक़ी का माहिर भी था

आदिल असीर देहलवी

नर्म मुलाएम जी ललचाए

आदिल असीर देहलवी

पेड़ों पर भी वो चढ़ जाए

आदिल असीर देहलवी

खेत में उपजे जड़ कहलाए

आदिल असीर देहलवी

तहज़ीबों की शान है इस में

आदिल असीर देहलवी

देखूँ तो मिरा जी ललचाए

आदिल असीर देहलवी

मीठी चीज़ें खाएँगे हम

आदिल असीर देहलवी

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