हसरत पर चित्र/छाया शायरी
दिल के खज़ाने में नाकाम
ख़्वाहिशों की कभी कमी नहीं रहती। ये हसरतें यादों की शक्ल में उदास करने के बहाने ढूंढती रहती हैं। उर्दू की क्लासिकी शायरी इन हसरतों के बयान से भरी पड़ी है। ज़िन्दगी के किसी न किसी लम्हे में शायर उस दौर को लफ़्ज़ देना नहीं भूलता जब हसरतें ही उसकी ज़िन्दगी का वाहिद सहारा रह गई हों। हसरत शायरी का यह इन्तिख़ाब पेश हैः
 
            
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                            आरज़ूऔर 3 अन्य
 
            
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                            आरज़ूऔर 4 अन्य
 
            
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                            इश्क़और 4 अन्य
 
            
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                            आरज़ूऔर 4 अन्य
 
            
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                            आरज़ूऔर 5 अन्य
 
            
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                            आरज़ूऔर 1 अन्य
 
            
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                            आरज़ूऔर 5 अन्य
 
            
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                            आरज़ूऔर 5 अन्य
 
             
             
             
             
             
 