aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
Urdu Afsane Ki Zinda Haqiqat |Jashn-e-Rekhta 2017
शब्दार्थ
अशआ'र मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं
कुछ शेर फ़क़त उन को सुनाने के लिए हैं
"अशआ'र मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं" ग़ज़ल से की जाँ निसार अख़्तर
प्रसिद्ध फ़िल्म गीतकार और शायर
ग़म-ए-आशिक़ी से कह दो रह-ए-आम तक न पहुँचे
मुझे ख़ौफ़ है ये तोहमत तिरे नाम तक न पहुँचे