मशवरा पर चित्र/छाया शायरी

यहाँ हम इन अशआर का इन्तिख़ाब

पेश कर रहे हैं जो ज़िंदगी करने की अलग अलग सूरतों में आपकी रहनुमाई करेंगे। ये मशवरे आम क़िस्म के मश्वरे नहीं हैं बल्कि ज़िंदगी की बुनियादी हक़ीक़तों और सच्चाइयों का शुऊर हासिल करने के बाद सामने आने वाले तजुर्बात हैं। आप इन्हें पढ़िए और ज़िंदगी के एक सबक़ के तौर पर इन्हें अख़ज़ कीजिए।

हयात ले के चलो काएनात ले के चलो

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो

दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता

वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन

ज़िंदगी यूँही बहुत कम है मोहब्बत के लिए

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