प्रेरणादायक पर चित्र/छाया शायरी

तरग़ीबी या प्रेरक शायरी

उन लम्हों में भी हमारे साथ होती है जब परछाईं भी दूर भागने लगती है। ऐसी मुश्किल घड़ियाँ ज़िन्दगी में कभी भी रास्ता रोक कर खड़ी हो जाती हैं। हौसलों के चराग़ बुझने लगते हैं और उम्मीदों की लौ मद्धम पड़ जाती है। तरग़ीबी शायरी इन हालात में ढारस बंधाती और हिम्मत देती है। आप भी देखिए ये चंद अशआरः

आबाद रहेंगे वीराने शादाब रहेंगी ज़ंजीरें

गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है

हम परवरिश-ए-लौह-ओ-क़लम करते रहेंगे

सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें

उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता

और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा

मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा

गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है

हर मुसीबत का दिया एक तबस्सुम से जवाब

हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें

हयात ले के चलो काएनात ले के चलो

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो

अभी से पाँव के छाले न देखो

अभी से पाँव के छाले न देखो

मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा

दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता

वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन

सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें

साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिन

रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़

रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़

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